English translation in Comments section….
फिर यादों की हवा चली है
कैसी फिर यह आग लगी है
दिल में होली जल रही है ।१।
नशा है कैसा खुली ज़ुल्फ़ का
हुई है मुद्दत पर जाने क्यों
सांसों में भंग सी घुल रही है ।२।
बैठे हो तुम सामने मेरे
समंदर किनारे अल्हड़ शाम
गालों पे लाली मल रही है ।३।
किसने दी है थाप अमित
किसकी पायल की मधुर तान
ज़ज्बातों को यूँ छल रही है।४।
In response to: Reena’s Exploration Challenge # 79